हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद से यूपी पुलिस और प्रशासन के रवैये पर लगातार गंभीर सवाल उठ रहे हैं. पीड़िता के गांव को पुलिस ने अभेद सुरक्षा कवच बना दिया है. और किसी को भी वहां जाने नहीं दे रही है. मीडिया को भी घुसने पर पाबंदी लगा दी है. नेताओं,मीडिया और लोगों से दुर्व्यवहार की भी तमाम घटनाएं हुई हैं. इस बात को लेकर जबरदस्त रोष है. योगी सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है. इस फैक्ट चेक को करते समय सरकार ने हाथरस के एसपी,सीओ समेत कई पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इस बीच मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की एक एडिट की गई तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल है जिसमें वो अपने ऑफिस में बैठे लैपटॉप पर एक तस्वीर देख रहे हैं . तस्वीर में चारो तरफ अंध्रेरा है औऱ बीच में कुछ जलता हुआ नजर आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि योगी हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण देख रहे हैं. इस दावे के संदर्भ में ये समझना जरूरी है कि पुलिस ने पीड़िता के शव को आनन फानन में आधी रात के बाद जला दिया था. परिवार ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने उऩसे बिना पूछे ही शव को जला दिया. हालांकि पुलिस का बयान है कि उन्होने परिवार से अनुमति ली थी. ट्विटर पर एक यूजर ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा ‘’हाथरस गैंगरेप पीड़िता को यूपी की जल्लाद पुलिस वालों ने कैसे जलाया उसकी लाइव वीडियो देखता हुआ एक नाकारा और नपुंसक मुख्यमंत्री. हमें शर्म आती है इसके जैसे नपुंसक को अपने प्रदेश का मुखिया कहते हुए.’’
एक और पोस्ट में यही दावा किया गया.
ट्विटर पर आप औऱ पोस्ट यहां भी देख सकते हैं.
फेसबुक पर लोगों ने इस तस्वीर को खूब शेयर किया. ऑरिजनल पोस्ट यहां देख सकते हैं.
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फैक्ट चेक
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर हमे बहुत सी तस्वीरें मिली जिसमें लैपटॉप पर दिख रही तस्वीर के अलावा कैमरे का एंगल, लाइटिंग से लेकर पूरे फ्रेम की हर चीज समान थी.दरअसल ये तस्वीर उस समय की है जब मुख्यमंत्री योगी गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उसके परिवार वालों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात कर रहे थे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इस तस्वीर को ट्वीट करके ये जानकारी दी थी.
एएनआई ने लैपटॉप पर परिवार की तस्वीर को ब्लर कर दिया था जिससे पीड़िता की पहचान को गुप्त रखा जा सके.
मीडिया संगठनों ने भी ये रिपोर्ट इस तस्वीर के साथ छापी थी.नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट तस्वीर के साथ आप यहां पढ़ सकते हैं. नीचे रिपोर्ट का स्क्रीन शॉट है.
लेकिन जिस तस्वीर को लैपटॉप की ऑरिजनल तस्वीर से बदला गया आखिर वो कहां से आई? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने कुछ औऱ खोज की. संबधित की वर्डस की सहायता से गूगल सर्च के जरिए हमे एक वेबसाइट ‘poliical edge’ में ये तस्वीर मिली. इस तस्वीर के साथ हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के अंतिम संस्कार की रिपोर्ट थी. रिपोर्ट यहां देख सकते हैं. तस्वीर नीचे है.
दरअसल इस तस्वीर को इंडिया टुडे की पत्रकार तनुश्री पांडे ने ट्वीट किया था. तनुश्री हाथरस में इस घटना को कवर कर रहीं हैं.
नीचे आप वायरल औऱ ऑरिजनल तस्वीर में तुलना भी देख सकते हैं.
निष्कर्ष
ये बात साफ है कि वायरल तस्वीर में मुख्यमंत्री योगी के लैपट़ॉप की तस्वीर को फोटोशॉप करके बदल दिया गया है. वो गैंगरेप पीड़िता के अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण नहीं बल्कि पीड़िता के परिवार से बात कर रहे हैं. लेकिन कई सवाल मुख्यमंत्री योगी पर भी उठ रहे हैं. जिस घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा है उसे लेकर क्या यूपी पुलिस औऱ प्रशासन का कोई भी फैसला बिना मुख्यमंत्री की जानकारी में लिया गया होगा ? क्या अंतिम सरकार करवाने का फैसला बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के प्रशासन ने लिया ? क्या पीड़िता के परिवार को अफसरों की धमकी और मीडिया से बात करने पर पाबंदी का फैसला बिना मुख्यमंत्री को बताए लिया जा सकता है? नेताओं औऱ मीडिया को पीड़ित परिवार से बात करने पर पाबंदी लागू करने से पहले क्या मुख्यमंत्री को बताया नहीं गया होगा ? ये सब सवाल भी हैं और दावे भी किए जा रहे हैं हैं लेकिन इन सवालों औऱ दावों को वेरिफाई करने में हम सक्षम नहीं हैं. आगे जब भी हमे कुछ फैक्ट मिलेंगे हम आपको अपडेट करते रहेंगे
दावा-मुख्यमंत्री योगी हाथरस गैंगरेप पीडिता के अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण देख रहे थे.
दावा करने वाले –सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा झूठा है
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