‘’पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी जियानली यांग ने स्वीकार किया है कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में चीन के 100 से ज्यादा जवान मारे गए है.’’ ये दावा ट्विटर और फेसबुक पर वायरल हो रहा है. कई टीवी चैनलों ने भी ये दावा यांग के हवाले से किया है. रिपब्लिक टीवी ने दावा किया ‘’15 जून की रात को गलवान में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प से जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है। पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी जियानली यांग ने खुलासा किया है कि इस हिंसक झड़प में चीन के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। प्रतिद्वंदि नेता ने एक बयान जारी करते हुए शी जिनपिंग की सरकार की आलोचना की और कहा कि ये आंकड़े इसलिए जारी नहीं किए जा रहे क्योंकि अगर ये बात जनता के सामने आई तो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी और पार्टी में विद्रोह हो जाएगा’’
वहीं इंडिया टीवी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा जिनपिंग की पार्टी के बागी नेता का दावा गलवान में 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए. रिपोर्ट में आगे वाशिंगटन पोस्ट का हवाला दिया गया . इंडिया टीवी का आर्काइव्ड पोस्ट यहां देख सकते हैं
इंडिया टीवी ने एक न्यूज वेबसाइट newsline ife के ट्वीट को भी कोट किया जिसमें यांग के हवाले से ये दावा किया गया.
गौरतलब है कि ये वेबसाइट इससे पहले भी कई बार इस तरह के दावे कर चुकी है है. विकीपीडिया से चीनी अधिकारियों की लिस्ट को गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों के नाम इस वेबसाइट ने बताया था. इंडिया चेक ने उसके दावे की जांच करके झूठ साबित किया था. इसे यहां देख सकते हैं.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक वेबसाइट kreatley के हवाले से ये बात कही. इस वेबसाइट ने भी जियानली यांग को कोट किया.
हाल ही में अपाचे फाइटर हेलिकॉप्टर के एरिजोना के हवासू झील के वीडियो को गलवान वैली का बताने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल ब्रजेश कुमार ने भी Kreately वेबसाइट को कोट करते हुए ये दावा किया
बीजेपी समर्थक टिविटर हैंडल रिषी बागरी, रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी और my nation वेबसाइट ने भी 100 चीनी सैनिकों से ज्यादा मारे जाना का दावा किया. कुछ लोगों ने pratyaksha newscast नाम की वेबसाइट में छपे एक लेख के आधार पर ये दावा किया.
पीएम मोदी के गलवान में सैनिकों से मिलने को फर्जी बताने का दावा झूठा है.
ज्यादातर दावे pratyaksha newscast वेबसाइट में छपे लेख में जियानली यांग के बयान के आधार किए गये . सबसे पहले हमने ये लेख पढ़ा. 3 जुलाई को प्रकाशित इस लेख की हेडलाइन है ‘India has slain more than 100 Chinese soldiers in Galwan Valley, claims former Chinese military official.’
रिपोर्ट में ‘Washington Times’ के हवाले से कहा गया है ”चीन के पूर्व सेनाधिकारी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे जियानली यांग ने सनसनीखेज दावा किया है कि गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 100 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए हैं. लेकिन चीन की सरकार इसे वहां की जनता से छुपा रही है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग परेशान हैं कि अगर ये जानकारी सार्वजनिक हो गई तो सेना के पूर्व और वर्तमान अधिकारी विद्रोह कर देंगे.”हमने ‘Washington Times’ के उस लेख का भी विश्लेषण किया जिसमें जियांगली यांग को कोट किया गया है. ये लेख जियांगली यांग ने लिखा है. जिसे 29 जून को प्रकाशित किया गया है. लेख की हेडलाइन है, ‘Retired and hurt PLA veterans could become a force against the Chinese Communist Party regime’. मतलब ‘रिटायर्ड औऱ दुखी पीएलए के बुजुर्ग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के खिलाफ विद्रोह कर सकते हैं’. ‘PLA’ चीन की सेना का नाम है. लेख में PLA के रिटायर्ड सैनिकों का चीन सरकार की पेंशन और दूसरी सुविधाओं के लेकर बढ़ते असंतोष का जिक्र है. गलवान में चीनी सैनिकों के हताहत या मारे जाने के बारे में कहा ”एक हफ्ते के बाद भी चीन सरकार ने सैनिकों के हताहत होने के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया”. इस पूरे लेख में कहीं भी 100 या उससे अधिक चीनी सैनिकों के बारे में जिक्र नहीं है.
Kreatley नाम की वेबसाइट में भी जियानली यांग के हवाले से ये दावा किया गया. लेकिन लेख में कई तथ्यात्मक गलतियां दिखाई दीं. कहीं यांग को मिलेटरी ऑफिशियल बताया गया तो किसी जगह पर पूर्व मिलेटरी अधिकारी. एक जगह यांग के पिता को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन का वर्तमान नेता तो दूसरी जगह पूर्व नेता बताया गया है. इसे आप यहां पढ़ सकते हैं. वेबसाइट का ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं.
जियानली यांग चीनी विद्रोही हैं और अमेरिका में रहते हैं.वे चीन कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं. साल 2002 में उन्हे चीन सरकार ने गिरफ्तार किया था. साल 2007 में उनकी रिहाई हुई थी. इस समय अमेरिका में कई मानवाधिकार संगठन से जुड़े हैं.
यांग के टिविटर अकाउंट और किसी अन्य विश्वसनीय मीडिया संगठनों की रिपोर्ट में भी ये तथ्य नहीं दिखाई दिया.
इंडिया टीवी ने अपनी रिपोर्ट में वाशिंगटन पोस्ट का हवाला दिया था जबकि ये लेख वांशिंगटन टाइम्स का है.
जियानली यांग ने 100 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा नहीं किया है. वांशिगटन टाइम्स में छपे उनके लेख के हवाले से किया जा रहा दावा गलत है. इस लेख में उन्होने कहीं भी 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात नहीं की है. मीडिया संगठन ट्विवटर यूजर, कई वेबसाइटों में उनके कथन को तोड़ मरोड़ के प्रकाशित और पोस्ट किया है.
दावा- जियानली यांग ने कहा चीन सरकार ने माना है कि उसके 100 से ज्यादा सैनिक गलवान घाटी में मारे गए है.
दावा करने वाले- Kreatley, pratyaksha newscast नामकी वेबसाइट. कपिल मिश्रा, रिषी बागरी, रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी, रिटायर्ड मेजर जनरल ब्रजेश कुमार, इंडिया टीवी, रिपब्लिक टीवी, news line ife, अन्य ट्विटर यूजर
सच-दावा गलत है
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