प्रधानमंत्री मोदी की लेह अस्पताल में घायल सैनिकों की मुलाकात को फर्जी बताने का दावा झूठा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह अस्पताल में घायल सैनिकों से मिलने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर गलत कारणों से वायरल हो रहीं हैं. तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि ये अस्पताल लग ही नहीं रहा. ना डॉक्टर हैं. ना कोई मेडिकल व्यवस्था. लगता है प्रधानमत्री के दौरे के लिए इस जगह को विशेष रूप से तैयार किया गया है. जिससे वो यहां फोटो खिंचवा सकें. आप और कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल से इस तरह के ट्वीट किए गए. ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को आप पार्टी की सोशल मीडिया सदस्य बताने वाली आरती लिखती हैं ‘’देश से इतना बड़ा धोखा ? कॉन्फ्रेंस रूम को प्रधानमंत्री क फोटो खिंचवाने के लिए अस्पताल में बदल दिया गया ?’’

प्रधानमंत्री मोदी 3 जून को अपने लद्दाख दौरे के दौरान निमू बेस में सैनिकों को संबोधित करने के बाद लेह के मिलेट्री अस्पताल में घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे थे. कांग्रेस प्रवक्त अभिषेक दत्ता ने फोटो के साथ ट्वीट किया, “पर यह हॉस्पिटल लग कहा से रहा हैं – ना कोई ड्रिप , डॉक्टर के जगह फोटोग्राफर ,बेड के साथ कोई दवाई नहीं , पानी की बोतल नहीं ? पर भगवान का शुक्रिया की हमारे सारे वीर सैनिक एकदम स्वस्त हैं”

इसी तरह कांग्रेस नेता श्री वत्स, सलमान निजामी, प्रोफेसर अशोक स्वेन सहित तमाम लोगों ने भी सवाल उठाए.

इंडिया चेक को व्हाटसएप पर भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ मिली.

ये भी पढिए

शाह, नड्डा, योगी की गैंगस्टर विकास दुबे  के साथ तस्वीरें फर्जी हैं.

फैक्ट चेक

हाल ही में आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी लद्दाख के दौरे पर गए थे. उन्होने भी लेह के मिलिट्री अस्पताल में घायल सैनिकों से मुलाकात की थी.मीडिया ने इसे काफी कवर किया गया है. 23 जून को आर्मी चीफ ने घायल सैनिकों से मुलाकात की थी.

ये वही असपताल है जहां पीएम मोदी गए थे हमने  मोदी और नरवणे दोनों की लेह अस्पताल में घायल सैनिकों से मिलने की तस्वीरों की तुलना की.

पहली तस्वीर

दोनों तस्वीरों का एंगल अलग-अलग है. तस्वीरों के फ्रेम में दीवीर पर लगी एक पेंटिंग कॉमन है.

दूसरी तस्वीर

इस तस्वीर में दीवार से टंगे पर्दों का प्रिंट बिल्कुल एक जैसा है.कम और ज्यादा रोशनी की वजह से एक तस्वीर में पर्दों का रंग थोड़ा हल्का और दूसरे में चटखा दिखाई दे रहा है. बेड के पास रखे स्टूल के कवर का प्रिंट भी एक ही है. फर्क सिर्फ रोशनी का है. हमने और कई तस्वीर तस्वीरों की तुलना की है जिससे पता चालता है कि आर्नमी चीफ और पीएम मोदी ने एक ही जगह का दौरा किया. ना तो जगह में कोई बदलाव है और ना ही इंटीरियर में.

भारतीय सेना ने भी सोशल मीडिया पर वायरल सवालों पर एक प्रेस रिलीज जारी की है. जिसमें ये कहा गया है कि ये जगह पहले आडियो विजुअल ट्रेनिंग रूम के रूप में इस्तेमाल की जाती थी. जिसे कोविड के इलाज के लिए दे दिया गया है, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को गुमराह करने और शरारतपूर्ण बताते हुए इसमें कहा गया है ”ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बहादुर सैनिकों के इलाज को लेकर इस तरह से सवाल उठाए जा रहे हैं. सेना अपने जवानों को बेहतरीन इलाज देने की कोशिश करती है.ये स्पष्ट किया जाता है कि 100 बेड की क्षमता वाले संकट के समय इस्तेमाल किये जाने वाली ये सुविधा जनरल अस्पताल का ही एक हिस्सा है.कोविड प्रोटोकाल के तहत जनरल अस्पताल के कुछ हिस्सों को आइसोलेशन फैसिलिटी में तब्दील कर दिया गया था. ऑडियो विजुअल हॉल को भी वार्ड में तब्दील करके कोविड अस्पताल में शामिल कर दिया गया था. घायल सैनिकों को गलवान से सीधे यहां लाया गया था जिससे उन्हे कोविड एरिया से अलग रखा जा सके. आर्मी चीफ एमए नरवने ने भी इसी जगह पर घायल सैनिकों से मुलाकात की थी. लेह अस्पताल में प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं.

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी के लेह अस्पताल का दौरा वहीं हुआ था जहां आर्मी चीफ एमएम नरवने ने कुछ दिन पहले घायल सैनिकों से मुलाकात की थी. इसे प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान नहीं बनाया गया . सोशल मीडिया पर कि जा रहे दावे और सवाल गलत हैं.

दावा- लेह में प्रधानमंत्री की घायल सैनिकों की मुलाकात असपताल में नही हुई. घायल जवानों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए ये व्यवस्था की गई थी.

दावा करने वाले- कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता, आप पार्टी के सदस्य, अन्य ट्विटर हैंडल यूजर

सच- दावा गलत है

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1

Meenu Chaturvedi

Recent Posts

Fact-Check : क्या हमास का समर्थन करने वाले केरल के लोगों ने इटली के झंडे लेकर पैदल मार्च किया ? सच यहां जानें

7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल पर हमला किए जाने के…

1 year ago

Fact-Check : इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के बाद सोशल मीडिया पर आई वायरल वीडियो की बाढ़, वायरल वीडियो का सच जानें !

Israel-Philistine Conflict Viral Video : 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल…

1 year ago

Fact-Check : दैनिक जागरण ने भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने की फेक न्यूज़ प्रकाशित की

मंगलवार को ‘दैनिक जागरण’ ने राष्ट्रीय संस्करण में पहले पृष्ठ पर ‘भारत ने पाकिस्तान पर फिर की…

1 year ago

Fact-Check : दरभंगा एम्स पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दावा गलत, एम्स निर्माण के लिए अभी जगह तय नहीं हुई

12 अगस्त 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल…

1 year ago

Fact-Check : असंबंधित विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें हरियाणा हिंसा से जोड़कर शेयर की गईं

हरियाणा में नूंह हिंसा में अबतक 83 एफआईआर दर्ज, 159 लोग गिरफ्तार किये जा चुके…

1 year ago