पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कलात जिले का एक वीडियो वायरल है. वीडिया में कुछ लोग टमाटर फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं. भारत में कई मीडिया संगठन और सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे है कि टमाटर ईरान से आया है जहां शिया आबादी रहती है. इसलिए पाकिस्तान में शियाओं के टमाटर का विरोध हो रहा है. जी न्यूज ने एक वीडियो दिखाया जिसमें एक शख्स कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि प्रदर्शनकारियो ने टमाटरों को इसलिए बर्बाद कर दिया कि वे शिया टमाटर थे. रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि ये आदमी कौन है ?
मनीष चौधरी नाम के वेरिफाइड हैंडल से लिखा गया भूखे मर जाएंगे लेकिन शिया टमाटर नहीं खाएंगे. पाकिस्तान भी अजीब देश है.
रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने भी अपेने ट्विटर हैंडल से यही दावा किया.
पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ के बाद सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं, जिसके चलते पाकिस्तान सरकार ने ईरान और अफगानिस्तान टमटर का आयात किया था.
सच्चाई क्या है ?
गूगल सर्च के जरिए हमने पाकिस्तान में टमाटर को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन की असलियत जानने की कोशिश की तो हमे कई न्यूज रिपोर्ट मिली. डॉन अखबार की वेबसाइट में 10 सितंबर को अपनी रिपोर्ट में लिखा कई फार्म मालिकों और किसानों ने मंगोचर टाउन में क्वेटा-कराची हाईवे पर ट्रैफिक को रोक दिया और वाहनों में ईरान से आ रहे टमाटर के बक्सों को फेक दिया. प्रदर्शनकारी ईरान से टमाटरों के आयात का विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि उनकी फसल तैयार है तो बाहर से टमाटर क्यों मंगाया जा रहा है.
द न्यूज और गल्फ टुडे ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा कि कि किसान ईरान से टमाटर के आयात का विरोध कर रहे थे.
निष्कर्ष
हमारी जांच में ये पाया गया कि पाकिस्तान में टंमाटरों के खिलाफ प्रदर्शन इसलिए नहीं किया जा रहा था कि वे शियाओं के देश ईरान से आए थे. बल्कि पाकिस्तान सरकार के टमाटर के आयात करने के फैसले के खिलाफ किसान नाराज थै. उनका कहना था हमारी फसल तैयार है तो आयात क्यों किया जा रहा है.
दावा- पाकिस्तान में ईरान से आए टमाटरों का विरोध हुआ क्योंकि वे शियाओं के देश से आए थए.
दावा करने वाले- कई मीडिया संस्थान, सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा गमराह करने वाला है