हाल ही में राहुल गांधी ने दिल्ली में कुछ प्रवासी मज़दूरों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया पर तस्वीरों के जरिए दावा किया जा रहा है कि ये ड्रामा था. वायरल तस्वीरों में दो तस्वीरों का सेट है. एक में राहुल गांधी खुले में बैठकर कुछ लोगों से बात कर रहे हैं. इनमें एक महिला भी शामिल है. दूसरी तस्वीर में यही महिला एक कार में बैठी हुई दिखाई देती है. उसके साथ एक दूसरा व्यक्ति भी है जो पहली तस्वीर में भी है.  डा सीमा नामके ट्विटर हैंडर से दोनों तस्वीरों के एक सेट को पोस्ट करते हुए दावा किया गया ”यहां भी एक्टिंग, राहुल गांधी के साथ फोटो सेशन के लिए जाते कार से मजबूर मजदूर. हे प्रभू ऐसे पापियों से देश की रक्षा करो”

एक और ट्विटर हैंडर हैंडल से तस्वीरों के बारे में दावा किया गया ”कांग्रेस का एक और घोटाला. राहुल गांधी से मिलने वाले मजदूर भी नकली निकले..मैने कहा था ना कि भक्त खोदकर तुम्हारा सच ढूढ़ लेंगे”

दावे के अनुसार ये पूरा नाटक था. कुछ लोगों को कार से लाया गया राहुल गांधी से मुलाकात करवाने के लिए और फिर फोटो खींचकर इन्हे प्रवासी मज़दूर बताया गया. ट्विटर पर बहुत सारे लोगों ने इसी दावे के साथ तस्वीरों को पोस्ट किया है. इनमें से कुछ आप यहां देख सकते हैं. फेसबुक पर भी ये तस्वीरें वायरल हैं. एक फेसबुक यूजर ने दावा किया ”हाई_छाला इधर भी घोटाला.राहुल गांधी ने जिन मजदूरों से सड़क पर बात की थी उन्हें अपनी ही गाड़ी से लाये सड़क पर बिठाये, फिर फोटोशूट हुआ और वापस भी ले गये
अब लोग इसे भी मजदूर घोटाला कहेंगे…देखो भईया…
देश में कोरोना चल रहा है.. तो मजदूर को भी सेनेटाइज करके उसके घर से अपनी गाड़ी में बैठाकर लाना पड़ता है?
आपको पता है ना.. मजबूरी का नाम ___गांधी है” 

हाई_छाला इधर भी घोटाला🤭🤭राहुल गांधी ने जिन मजदूरों से सड़क पर बात की थी उन्हें अपनी ही गाड़ी से लाये सड़क पर बिठाये, फिर…

Geplaatst door Manoj Gupta op Woensdag 20 mei 2020

ये भी पढ़िए

सुरजेवाला और रिचा सिंह ने नेपाल में महिला की तस्वीर को भारत में प्रवासी मज़दूर की बताकर पोस्ट किया

फैक्ट चेक

सिंपल गूगल सर्च के ज़रिए बहुत सारी मीडिया रिपोर्ट मिलती हैं जिसमें बताया गया  राहुल गांधी नें प्रवासी मजदूरों के एक ग्रुप से मुलाकात की. ये मजदूर पैदल हरियाणा से यूपी औप मध्यप्रदेश जा रहे थे. इनसे बातचीत करने के बाद राहुल ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी से वाहनोंकी व्यवस्था करके इन सभी को घर छोड़ने के लिए कहा था. कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटकर हैंडल से भी 16 मई को इन तस्वीरों समेत कई अन्य तस्वीरों को पोस्ट किया गया गया था.

न्यूज एजेंसी ANI  ने भी इन तस्वीरों को पोस्ट किया. एजेंसी के अनुसार राहुल गांधी से मिलने के बाद मजदूरों कार से घर भेजने का इंतजाम किया गया. एजेंसी की पोस्ट की गई 4 तस्वीरों में से एक तस्वीर में वही महिला कार में बैठी हुई दिखाई देती है जो सोशल मीडिया पर वायरल है.

बीबीसी ने मजदूरों के घर पहुंचने के बाद उनसे वहां जाकर मुलाकात की. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ये 14 मजदूरों का एक ग्रुप था जिनमें 12 लोग उत्तरप्रदेश और 2 मध्यप्रदेश के थे. बीते शनिवार को दिल्ली में सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास ये सभी बैठकर थोड़ी देर के लिए आराम कर रहे थे तभी राहुल गांधी ने वहीं पहुंचकर उनसे मुलाकात की. यूपी के मजदूर झांसी से लगभग 55 किलोमीटर दूर रानीपुर के रहने वाले हैं. जबकि मध्यप्रदेश के मजदूर जतारा के रहने वाले हैं. ये लोग लेबर और मिस्त्री के रूप में निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम करते हैं.

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की मजदूरों के साथ मुलाकात की तस्वीर के बारे में जानबूझकर झूठी बातें फैलाई जा रहीं है. मजदूरों को कार से नहीं लाया गया था बल्कि कार का इंतजाम उनको घर भेजने के लिए राहुल से मुलाकात के बाद किया गया था.

दावा- राहुल गांधी की मजदूरों से मुलाकात ड्रामा था. मजदूरों को मुलाकात करवाने के लिए कार से लाया गया था.

दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूज़र

सच- दावा झूठा है

(India Check is now available on Social platforms. To Know the truth against fake news, subscribe to our Telegram and WhatsApp channels. You can also follow us on Twitter and Facebook.)

Join Our Whatsapp Broadcast List
Send us your "name" & language as "English" or "Hindi"

India check available on Telegram
Click here to read our latest fact check stories and other updates

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here