बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने दावा किया कि राजस्थान हर घर को नल से जल उपलब्ध कराने वाले राज्यों में आखिरी पायदान पर है. राज्यवर्धन सिंह राठौर ने दैनिक भास्कर अखबार के जयपुर संस्करण की एक रिपोर्ट ट्विटर पर पोस्ट की जिसकी हेडलाइऩ है “गुजरात में 100% घरों को नल कनेक्शन, राजस्थान में 30% भी नहीं”. 28 नवंबर की डेटलाइन के साथ ये खबर अखबार की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है. राठौर ने अखबार की क्लिपिंग के साथ कैप्शन में दावा किया “कांग्रेस सरकार ने जनता के हितों की कभी चिंता की ही नहीं!
केन्द्र सरकार की #JalJeevanMission योजना के अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने में भाजपा शासित राज्य 100% लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं और राजस्थान सबसे नीचे के पायदान पर है।
मुख्यमंत्री जी, राजस्थान की जनता से यह अन्याय क्यूं?” आर्काइव

अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजस्थान की रैंक 30वीं है.

फेसबुक पर वायरल दावे को यहांयहां और यहां देखा जा सकता है।


क्या है सच्चाई ?

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हम जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित वेबसाइट पर पहुंचे। यहां हमें राज्यवार (Statewise) ‘जल जीवन मिशन – हर घर जल’ के तहत आंकड़े मिलें। आंकड़ों के अनुसार, 10 नवंबर, 2022 तक नल के पानी की आपूर्ति वाले घरों के प्रतिशत में पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और लक्षद्वीप चारों राजस्थान से नीचे हैं।

राजस्थान के कुल 1,05,74,196 घरों में 30,28,338 घरों में नल का पानी पहुंच चुका है जिसका जल आपूर्ति का प्रतिशत 28.64 है। पश्चिम बंगाल के कुल 1,80,88,016 घरों में 50,30,217 घरों में नल का पानी पहुंच चुका है जिसका जल आपूर्ति का प्रतिशत 27.81 है। इसके नीचे झारखंड के कुल 61,21,549 घरों में 15,16,336 घरों में नल का पानी पहुंच चुका है जिसका जल आपूर्ति का प्रतिशत 24.77 है। वहीं यूपी के कुल 2,64,29,214 घरों में 53,27,820 घरों में नल का पानी पहुंच चुका है जिसका जल आपूर्ति का प्रतिशत मात्र 20.16 है इसके नीचे लक्षद्वीप है जिसका जल आपूर्ति प्रतिशत 0.00 शून्य है। जल जीवन मिशन – हर घर जल के तहत अब तक(10 नवंबर 2022) पूरे देश में 54.20 घरों तक नल के जल की आपूर्ति हो चुकी है। 

15 अगस्त के पर 2019 में शुरू कर गई इस योजना के अन्तर्गत कुल 19,35,21,230 घरों में से अब तक(10 नवंबर 2022) 10,48,92,612 नल का जल पहुंच चुका है। वहीं कुल शेष 16,11,58,392 घरों में 7,25,29,774 घर यानि 45.01 प्रतिशत घरों में नल का जल अभी तक नहीं पहुंच सका। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान के 1,553 यानि (24.86) प्रतिशत गांवों में 100 प्रतिशत नल के जल की आपूर्ति हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश के 5,328 (19.07) प्रतिशत गांवों में 100 प्रतिशत नल के जल की आपूर्ति हुई है। उत्तराखंड में मात्र 2.34% हुई इसके अलावा बिहार, लक्षद्वीप, ओड़िशा, तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां पर ऐसा कोई भी गांव नहीं है जहां 100 प्रतिशत नल के जल की आपूर्ति हुई हो। देश में 15 अगस्त 2019 से पहले 16.72% प्रतिशत घर ऐसे थे जहां पर नल से पानी जाता था। इस साल 19 अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक गोवा, तेलंगाना, हरियाणा और तीन केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी, दादरा नगर हवेली और अंडमान निकोबार के 100 फीसद घरों में नल से पानी पहुंच चुका है. पंजाब में 99.3, गुजरात में 97.03, बिहार में 95.51 और हिमाचल प्रदेश में 95.51 फीसद घरों तक ये योजना पहुंच चुकी है.

जल जीवन मिशन क्या है ?

 जल जीवन मिशन की परिकल्पना ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए की गई है। इस योजना के बाद महिलाओं को दूर-दर तक पानी लेने नहीं जाना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र के परिवार इस मिशन के माध्यम से स्वच्छ एवं ताजा जल को नल के रूप में प्राप्त कर पाएंगे। ग्रामीण जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल के स्रोत के साधन में वृद्धि होगी।

निष्कर्ष

आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 10 नवंबर, 2022 तक नल के पानी की आपूर्ति वाले घरों के प्रतिशत में राजस्थान सबसे निचले पायदान पर नहीं है। पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और लक्षद्वीप ये चारों राज्य राजस्थान की तुलना में निचले स्तर पर हैं।

दावा – जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने में भाजपा शासित राज्य 100% लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं और राजस्थान सबसे नीचे के पायदान पर है।

दावा करने वाला – भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर

सच – दावा ग़लत है

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