पिछले साल 28 अक्टूबर को बंगलौर के लिटरेचर फेस्टिवल में थरूर के भाषण पर ख़ासा विवाद हुआ था।बीजेपी ने उस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
इसका अनुवाद इस तरह से है।
आरएसएस के एक अज्ञात व्यक्ति ने कारवां मैगज़ीन के विनोद जोश से प्रधानमंत्री मोदी पर अंकुश ना लगा पाने को लेकर कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं जिनको ना हाथ से हटाया जा सकता है और ना ही चप्पल मारा जा सकता है। इसको अगर गहराई से समझें तो ये है कि आप अगर बिच्छू को हाथ से हटाएंगे तो वो आपको डंक मारेगा और अगर शिवलिंग पर चप्पल मारेंगें तो आप अपनी पवित्र भावनाओं को ठेस पहुचाएंगे। आखिरकार आपको अपनी कुंठा को संजोकर बिच्छू के साथ ही जीना होगा।
इस बयान के बाद आजतक का स्क्रीन शॉट बनाकर उस पर शशि थरूर की तरफ से लिखा गया था कि नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए अगर शिवलिंग पर चप्पल भी मारनी पड़ी तो मैं मारूंगा जिसे सभी फैक्ट चेकर्स ने झूठा साबित किया था। उसके बाद ये इमेज हटा ली गई थी। लेकिन इस महीने वही झूठी खबर फिर फैलाई जा रही है। इमेज वही है लेकिन इस बार ये ट्विटर पर पोस्ट की जा रही है। इनको अच्छी खासी संख्या में रिट्वीट किया जा रहा है। इस महीने की चार तारीख से ये झूठी खबर दोबारा फैलाई जानी शुरू हुई है।
किसी झूठी खबर को एक्सपोज़ किया जाता है औऱ थोड़े दिन बाद लोग फिर उसे फैलाना शुरू कर देते हैं। इसकी वजह ये नहीं है कि इनको पता नहीं है। ये लोग जानबूझकर ऐसा करते हैं। क्योंकि इन्हे पकड़े जाने कोई डर नहीं है। लेकिन आपसे अपील है कि ऐसी खबरों को बिना जांच के आगे ना बढ़ाएं। औऱ फैक्ट चेक खबरों को लोगों तक पहुंचाने में हमारा सहयोग करें । अगर आप इस खबर को दोबारा कहीं देखें तो उसे उन सोशल साइटस पर रिपोर्ट करें जहां आप उन्हें देख रहे हैं।
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