किसान संगठनों के भारत बंद को लेकर एक तस्वीर लोग खूब पोस्ट कर रहे हैं. तस्वीर में सब्जियां सड़क पर बिखरी हैं. सब्जी के कुछ ठेले दिखाई देकते हैं. ऐसा लगता है इन्ही ठेलों से सब्जियों को फेंका गया है.दावा किया जा रहा है बंद के समर्थकों ने गरीब सब्जी वालों के ठेले से सब्जियां उठाकर सड़क पर फेक दी. एक ट्विटर यूजर ने लिखा ”कुछ इस तरह से भारत बंद कराया है, जबरन ठेले वालो का सारा सामान सब्ज़ीया फैंक दी , किसानों के भेष में छिपे गद्दारों ने। इस हरकत से पहले एक बार सोच तो लिया होता कि इन गरीब फेरी वालो के घर में कोई भूख बैठा शाम को खाने का इंतज़ार कर रहा होगा।”

एक और ट्विटर यूजर ने लिखा ‘’जालिमों जाहिलों क्या ये भारत बंद था तुम लोगों का तनिक भी शर्म नहीं आयी गरीबों की रोजी-रोटी से खिलवाड़ करने में!! समर्थन नहीं मिल रहा तो तुम लोग कुछ भी करोगे, धिक्कार हैं… थूकता हैं भारत तुम लोगों पर’’

ट्विटर पर और पोस्ट आप यहां देख सकते हैं

फेसबुक यूजर्स ने भी इसी तरह के दावे किये. कुछ स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं.

कुछ और पोस्ट यहां देख सकते हैं

आपको बता दे कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान इन संगठनों ने किया था. सरकार और किसान संगठनों के बीच 6 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला है.

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सच क्या है ?

तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर फेसबुक और ट्विटर के कुछ लिंक्स हमे मिले जिसमे ये तस्वीर इस साल मई के महीने में पोस्ट की गई थी. इन पोस्ट पर जो कैप्शन दिए गए थे उसमें लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकाने खोलने के सरकार के फैसले से इस तस्वीर की तुलना करते हुए लिखा गय़ा था ”शराब की दुकाने खोल सकते हैं सब्जियों की नहीं ? पुलिस विक्रेताओं को पीटती है, सबका साथ, शराब का विकास”

इसी तरह फेसबुक पर भी ये तस्वीर 5 मई को पोस्ट करके कई यूजर ने लिखा ”गरीब की सब्जियों की दुकाने तोड़ी जा रहीं हैं और शराब की दुकाने खोली जा रहीं हैं.” ऑरिजनल पोस्ट यहां देख सकते हैं.

इंटरनेट पर सबसे पुरानी तस्वीर हमे 5 मई को दिखाई दी. मतलब ये कम से कम भारत बंद के दौरान की तो नहीं है.दरअसल मई के महीने में ही सरकार ने कुछ शर्तों के साथ शराब की दुकाने खोलने का फैसला किया था. इसके बाद दुकानों पर शराब की लंबी-लंबी लाइने दिखाई दी थी. इस दौरान कई जगहों पर फल –सब्जी बेच रहे ठेले और रेहड़ी वालों की दुकानों को पलटने और बंद करवाने की खबरे आई थी. वायरल तस्वीर को जूम करने पर दुकानों के साइनबोर्ड बांग्ला भाषा में नजर आते हैं. इससे ये लगता है कि तस्वीर पश्चिम बंगाल की है. लेकिन हम इसकी सही लोकेशन पता करने में सफल नहीं हो पाए हैं.

निष्कर्ष

हमारी जांच में ये बात साबित होती है कि वायरल तस्वीर इस साल मई के महीने की है. भारत बंद से इसका कोई ताल्लुक नहीं है.  हालांकि हम अकेले इस बात का पता नहीं लगा पाए कि ये तस्वीर किस जगह की है.

दावा-भारत बंद के दौरान गरीब सब्जी वालों के ठेले पलटने की तस्वीर

दावा करने वाले –सोशल मीडिया यूजर

सच-दावा गलत है

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