एक तस्वीर में कुछ छोटे बच्चे भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा की वेशभषा में जमीन पर बैठकर केले के पत्तों में भोजन कर रहे हैं. इस तस्वीर के बारे में गलत दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में बच्चों को भारत की प्राचीन संस्कृति की तरह गुरुकल में पढ़ाया जा रहा है. एक ट्विटर यूजर ने तस्वीर के साथ लिखा ‘’यह तस्वीर भारत की नहीं है जर्मनी की है!! जर्मनी के बच्चे गुरूकुल में पढ रहे हैं!जिस संस्कृत भाषा और सनातन संस्कृति को हम भूल रहे हैं,त्याग रहे हैं,उसी भारतीय संस्कृति को जर्मनी के लोग अपना रहे हैं क्योंकि यें सनातन की वैज्ञानिकता समझ चुके हैं! भारत का हिन्दू कब जागेगा!’’
ट्विटर पर तस्वीर को जर्मनी की बताकर बहुत सारे लोग शेयर कर रहे हैं . ऐसी कुछ पोस्ट को आप यहां, यहां, यहां भी देख सकते हैं.टिवटर बॉयो के अनुसार तेलंगाना के बीजेपी प्रवक्ता रूप दरक भरतिया ने भी तस्वीर को जर्मनी का बताते हुए पोस्ट किया.
फेसबुक पर भी लोग इसे खूब शेयर कर रहे हैं . एक यूजर ने दावा किया ‘’यह जो आप तस्वीर देख रहे हैं सनातन धर्म की यह तस्वीर इंडिया की नहीं यह तस्वीर जर्मनी की है.जहां के बच्चे गुरुकुल में पढ़ते हैं जिस संस्कृती को हम भूल कर रहे हैं विदेशी लोग उसे अपना रहे हैं. यह देश संस्कृत की परंपरा और सभ्यता को सहेजने का संभावित संरक्षक दिख रहा है।तुम भारत को भूल गए इसलिए हम भारत कही और ले जा रहे है.आने वाला दिनों में रूस यूक्रेन औए यूरोप के छोटे छोटे देश मे भारत होगा पर अफ़सोस भारत मे भारत नही रहना चाहता अच्छी बात ये कि वहां वामपंथ का जहर मर गया यहां वामपंथ का जहर ज्यादा से ज्यादा घुल गया’’ ऑरिजनल पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.
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फैक्ट चेक
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कुछ जगहों पर ये तस्वीर दिखाई दी. एक फेसबुक पेज वैदिक साइंस में ये तस्वीर मिली जिसके कैप्शन में लिखा है ‘’Our next generation at Bhaktivedanta Gurukul, Mayapur, West Bengal’’ यानि ‘’पश्चिम बंगाल के मायापुर के भक्तिवेदांता गुरुकुल में हमारी अगली पीढ़ी’’ ऑरिजनल पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.
‘findglocal.com’ नाम की एक वेबसाइट पर भी ये तस्वीर हमे दिखाई दी जिसके कैप्शन में लिखा है ‘’आज हम लोगों नन्हे साधुओं का भोजन पकाने का सौभाग्य मिला #gurukula #bhaktivedantaacademymayapur’’. ऑरिजनल तस्वीर आप यहां देख सकते हैं. नीचे स्क्रीन शॉट है.
तस्वीर के नीचे लिखे कैप्शन से कुछ कीवर्डस लेकर हमने फिर अपनी खोज शुरू की. भक्तिवेदांता अकादमी मायापुर कीवर्डस सर्च कराने पर हमें इसी नाम से एक वेबसाइट और फेसबुक पेज मिला जिसमें बिल्कुल यही तस्वीर तो नहीं लेकिन मिलते जुलते बैकग्राउंड, बच्चे और उनकी वेशभूषा की तस्वीरें दिखाई दीं. जिन्हे आप यहां, यहां देख सकते हैं.’i love mayapur’ नामका एक यूट्यूब चैनल मिला जिसमें भक्ति वेदांता गुरुकुल का करीब 14 मिनट लंबा वीडियो अपलोड है. वीडियो में बच्चे बिल्कुल उसी वेशभूषा में कुछ टूरिस्ट को गुरुकुल की सैर कराते हुए उन्हे वहां के बारे में बता रहे हैं. वायरल फोटो में जिस तरह के बैकग्राउंड है वैसी ही तस्वीरें इसी वीडियो में दिखाई देती हैं. ये वीडियो आप यहां देख सकते हैं. नीचे स्क्रीन शॉट है.
भक्तिवेदांत गुरूकुल पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के मायापुर में है. इसे इस्कॉन ने स्थापित किया है. यहां बहुत सारे देशों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. हमारी बात मायापुर इस्कॉन के कम्युनिकेशन प्रमुख सुब्रतो दास से हुई तो उऩ्होने बताया ”ये तस्वीर भक्तिवेदांत गुरुकुल के बच्चों की है. बच्चों के परिवार वालों ने ही इस तस्वीर को इंटरनेट पर डाला है. इस्कॉन का ग्लोबल हेडक्वॉर्टर भी मायापुर में ही है.”
निष्कर्ष
वायरल तस्वीर जर्मनी में किसी गुरुकुल की नहीं बल्कि भारत की ही है. पश्चिम बंगाल केनाडिया जिले के मायपुर में स्थित भक्तिवेदाता गुरुकुल में ये बच्चे जमान पर बैठकर भोजन कर रहे हैं.
दावा.- गुरुकुल में बच्चों की ये तस्वीर जर्मनी है
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूजर
सच-तस्वीर जर्मनी की नहीं भारत की है